कांग्रेस नेता सचिन पायलट और अशोक गहलोत में एक बार फिर कड़वाहट सामने आई | Dofollow Social Bookmarking Sites 2016
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राजस्थान में विधानसभा चुनाव नजदीक आने के साथ कहां तो कांग्रेस को भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) से लड़ने की तैयारी करनी थी, लेकिन पार्टी एक बार फिर आंतरिक कलह में उलझती दिख रही है। प्रदेश में पार्टी के दो सबसे बड़े नेता अशोक गहलोत और सचिन पायलट एक दूसरे पर खुलकर वार-पलटवार करने में जुट गए हैं। राजनीतिक जानकारों की मानें तो जिस तरह लंबे समय तक सब्र किए बैठे सचिन पायलट ने भी खुलकर बोलना शुरू कर दिया है उससे हालात एक बार फिर 2020 जैसे होने के आसार बढ़ गए हैं। ऐसे में सवाल उठ रहा है कि क्या चुनाव से पहले कांग्रेस दो फाड़ हो जाएगी?

राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के साथ जारी वर्चस्व की लड़ाई के बीच कांग्रेस नेता सचिन पायलट अपने वफादार मंत्रियों और विधायकों के साथ रैलियां करना शुरू कर दिया है। उनके इस कदम ने राजस्थानी के सियासी गलियारों की सरगर्मी बढ़ा दी है। उनके इस कदम को अगले विधानसभा चुनाव से पहले खुद को मुख्यमंत्री पद का मजबूत दावेदार बनाने की दिशा में एक कोशिश की तरह देखा जा रहा है। हालांकि, उनके तेवर कई सवाल खड़े कर रहे हैं। रैलियों को दौरान वह बीजेपी से अधिक अपनी ही सरकार को घेरते नजर आते हैं।

सचिन पायलट ने 16 जनवरी के बाद से परबतसर, पीलीबंगा, गुढ़ा और बाली में रैलियां की हैं। वह 20 जनवरी को जयपुर में इसका समापन करेंगे। ऐसा प्रतीत होता है कि पायलट ने अपनी रैलियों के समय को अच्छी तरह से काम किया है। वह 23 जनवरी से शुरू होने वाले राज्य के बजट सत्र के लिए एजेंडा सेट करना चाहते हैं। पहली दो रैलियों के दौरान अशोक गहलोत का चिंतन शिविर (16-17 जनवरी) चल रहा था।